Woh Mujhe Khone Se Darta Hai - the Hindi poetry has been performed on the stage of The Social House by Mansi Soni. It is very special and very beautiful poetry.
Woh Mujhe Khone Se Darta Hai Hindi Poetry
अपने सौ गमों को परा रख मेरा,
एक गम मिट जाए ऐसी दुआ करता है
जी हां दोस्तों उसका इश्क़ इस कदर मेरी रूह को छुआ करता है
कभी ख्वाब में भी देख ले मुझे दूर जाते खुद से
तो मेरे माथे को आकर चूम लिया करता है
मैं खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
कि शिकायते तो लाखों रहती होगी उसे भी मुझसे
मगर करें मेरा कोई जिक्र तो तारीफों के पुल बांध दिया करता है
गवारा नहीं उसे कि कोई गंदी नजरों से देखें मुझे
कमजोर मैं ना पड़ जाऊं इसलिए वो अक्सर मेरे कंधे पर अपना हाथ रख लिया करता है
मेरी हर गलती की माफी है उसके पास
मगर मुझे कभी गलत करार नहीं करता
बे-ऐतबारी लफ्ज़ मुझसे कोसों दूर रखता है
वरना कबका कह जाता मैं तुझसे प्यार नहीं करता
मेरे एब मेरी खामियां अपनाने की हिम्मत रखता है
और परफेक्ट की बात जहां आए उसे अक्सर मेरा चेहरा दिखता है
देखने की तलब जब भी होती है उसे
वो बेवक्त मुझे वीडियो कॉल करता है
मैं खुशनसीब हूं वो मुझे खोने से डरता है
कि वो सड़क पर चलते वक़्त मुझे सेफ साइड पर करता है
कब तब तक उसकी पना में यू रह पाऊंगी
सोच कर मेरा मन सा भरता है
इस कदर महफूज रखने के वादे तो उसने मुझसे किए नहीं
फिर भी निभाए जा रहा है
खुद हजारों बोझों के तले दबा हो, बताएगा नहीं
और मुझे जिंदगी जीने का हौसला दिए जा रहा है
कि लड़ाई को वो सिर्फ लड़ाई समझ कर
मसला सुलझा कर मुझे सीने से लगाता है
यूं मुझसे दूर जाने के वो बहाने नहीं करता है
मैं खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
रो दूं अगर मैं तो वो भी कमजोर पड़ जाता है
आंसुओं की वजह तो पता चले जनाब वो शख्स क्या उसके खानदान से लड़ जाता है
मेरे मुस्कुराने से उसकी सांसों की गिनती बढ़ जाती है
इतनी अहम हूं मैं उसके लिए
वो ये बात मुझे बैठकर प्यार से समझाता है
मोहब्बत है तुमसे कभी खुलकर बोल नहीं पाता
मगर यकीन करें ये बोलने से पहले मुझे एहसास कराता है
सारे जहां की खुशियां इकट्ठी करके उसके कदमों में रख दूं ऐसा मेरा भी दिल करता है
मैं वाकई खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
आजमाइश मैं भी क्यों करुं उसकी
जिसने देख इतना प्यार करता हूं कहकर
अपने दिए प्यार को कभी नहीं नापा
लो आज सबके कहती हूं मैं भी आपसे बेइंतहा मोहब्बत करती हूं पापा
सो जाऊं मैं कभी ठंड में सोफे पर
कि सो जाऊं मैं कभी ठंड में सोफे पर
बिन जगाए मुझे कंबल ओढ़ाकर
मेरे कमरे तक पहुंचा सको तो चले आओ
खूब बारिश हो जिस दिन और मैं जमकर भीग जाऊं
'बस करो बीमार पड़ जाओगी' कहकर छत से मुझे नीचे पुकार सको तो चले आओ
भूख नहीं लगी कहकर ज़िद्द करूंगी जब
एक एक निवाले को अपना नाम देकर खिला सको तो चले आओ
बिन कहे मेरी ख्वाहिशों को कोई समझ जाए
इतना कोई काबिल नहीं मेरी नजरों में
मगर हां मेरी आधी जुबां से निकली चीज को
कुछ पलों में तुम मेरे हाथ में थमा सको तो चले आओ
जिस दिन गूंजे ना मेरी हंसी
मगर चेहरे पर मेरे मुस्कान हो
किस बात का गम है
पूछ कर मुझे सीने से लगा सको तो चले आओ
मेरी छोटी सी छोटी खुशी के खातिर अपने लाखों खुशियों का गला दबा सको तो चले आओ
कभी बन ठन के घूमने जाएं कहीं पर
मुझसे ज्यादा खूबसूरत लगने के बाद भी लाओ
तुम्हारी एक तस्वीर खींच दूं कह सको तो चले आओ
मां-बाप सी मोहब्बत मुझे कोई नहीं कर पाएगा ये यकीन है मुझे
मगर उनकी थोड़ी सी भी छवि तुम मुझे खुद में दिखा सको तो चले आओ
एक गम मिट जाए ऐसी दुआ करता है
जी हां दोस्तों उसका इश्क़ इस कदर मेरी रूह को छुआ करता है
कभी ख्वाब में भी देख ले मुझे दूर जाते खुद से
तो मेरे माथे को आकर चूम लिया करता है
मैं खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
कि शिकायते तो लाखों रहती होगी उसे भी मुझसे
मगर करें मेरा कोई जिक्र तो तारीफों के पुल बांध दिया करता है
गवारा नहीं उसे कि कोई गंदी नजरों से देखें मुझे
कमजोर मैं ना पड़ जाऊं इसलिए वो अक्सर मेरे कंधे पर अपना हाथ रख लिया करता है
मेरी हर गलती की माफी है उसके पास
मगर मुझे कभी गलत करार नहीं करता
बे-ऐतबारी लफ्ज़ मुझसे कोसों दूर रखता है
वरना कबका कह जाता मैं तुझसे प्यार नहीं करता
मेरे एब मेरी खामियां अपनाने की हिम्मत रखता है
और परफेक्ट की बात जहां आए उसे अक्सर मेरा चेहरा दिखता है
देखने की तलब जब भी होती है उसे
वो बेवक्त मुझे वीडियो कॉल करता है
मैं खुशनसीब हूं वो मुझे खोने से डरता है
कि वो सड़क पर चलते वक़्त मुझे सेफ साइड पर करता है
कब तब तक उसकी पना में यू रह पाऊंगी
सोच कर मेरा मन सा भरता है
इस कदर महफूज रखने के वादे तो उसने मुझसे किए नहीं
फिर भी निभाए जा रहा है
खुद हजारों बोझों के तले दबा हो, बताएगा नहीं
और मुझे जिंदगी जीने का हौसला दिए जा रहा है
कि लड़ाई को वो सिर्फ लड़ाई समझ कर
मसला सुलझा कर मुझे सीने से लगाता है
यूं मुझसे दूर जाने के वो बहाने नहीं करता है
मैं खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
रो दूं अगर मैं तो वो भी कमजोर पड़ जाता है
आंसुओं की वजह तो पता चले जनाब वो शख्स क्या उसके खानदान से लड़ जाता है
मेरे मुस्कुराने से उसकी सांसों की गिनती बढ़ जाती है
इतनी अहम हूं मैं उसके लिए
वो ये बात मुझे बैठकर प्यार से समझाता है
मोहब्बत है तुमसे कभी खुलकर बोल नहीं पाता
मगर यकीन करें ये बोलने से पहले मुझे एहसास कराता है
सारे जहां की खुशियां इकट्ठी करके उसके कदमों में रख दूं ऐसा मेरा भी दिल करता है
मैं वाकई खुशनसीब हूं कि वो मुझे खोने से डरता है
आजमाइश मैं भी क्यों करुं उसकी
जिसने देख इतना प्यार करता हूं कहकर
अपने दिए प्यार को कभी नहीं नापा
लो आज सबके कहती हूं मैं भी आपसे बेइंतहा मोहब्बत करती हूं पापा
सो जाऊं मैं कभी ठंड में सोफे पर
कि सो जाऊं मैं कभी ठंड में सोफे पर
बिन जगाए मुझे कंबल ओढ़ाकर
मेरे कमरे तक पहुंचा सको तो चले आओ
खूब बारिश हो जिस दिन और मैं जमकर भीग जाऊं
'बस करो बीमार पड़ जाओगी' कहकर छत से मुझे नीचे पुकार सको तो चले आओ
भूख नहीं लगी कहकर ज़िद्द करूंगी जब
एक एक निवाले को अपना नाम देकर खिला सको तो चले आओ
बिन कहे मेरी ख्वाहिशों को कोई समझ जाए
इतना कोई काबिल नहीं मेरी नजरों में
मगर हां मेरी आधी जुबां से निकली चीज को
कुछ पलों में तुम मेरे हाथ में थमा सको तो चले आओ
जिस दिन गूंजे ना मेरी हंसी
मगर चेहरे पर मेरे मुस्कान हो
किस बात का गम है
पूछ कर मुझे सीने से लगा सको तो चले आओ
मेरी छोटी सी छोटी खुशी के खातिर अपने लाखों खुशियों का गला दबा सको तो चले आओ
कभी बन ठन के घूमने जाएं कहीं पर
मुझसे ज्यादा खूबसूरत लगने के बाद भी लाओ
तुम्हारी एक तस्वीर खींच दूं कह सको तो चले आओ
मां-बाप सी मोहब्बत मुझे कोई नहीं कर पाएगा ये यकीन है मुझे
मगर उनकी थोड़ी सी भी छवि तुम मुझे खुद में दिखा सको तो चले आओ
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